MP News:MSP पर धान,ज्वार और बाजरा बेचने के लिए पंजीयन की अंतिम तिथि कल
MP News : मध्य प्रदेश के किसान भाइयों के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण सूचना! राज्य में धान, ज्वार और बाजरा की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बेचने के लिए कराए जा रहे उपार्जन पंजीयन की प्रक्रिया अब अपने अंतिम चरण में है। सरकार द्वारा तय की गई आखिरी तारीख 10 अक्टूबर 2025 है, यानी किसानों के पास आज का दिन ही बचा है।
अगर आपने अभी तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, तो तुरंत करा लें! तारीख निकल जाने के बाद, आपकी मेहनत की फसल को MSP पर बेचने का अवसर हाथ से निकल जाएगा।
अब तक का पंजीयन और सरकार की उम्मीद
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, 15 सितंबर को शुरू हुई पंजीयन प्रक्रिया में अब तक 4 लाख 68 हज़ार 946 किसानों ने अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया है। पिछले साल यह आंकड़ा 7 लाख 84 हज़ार 845 तक पहुँचा था। सरकार को उम्मीद है कि इस बार यह संख्या पिछले साल के रिकॉर्ड को भी पार कर जाएगी। मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने सभी किसानों से समय पर पंजीयन कराने की अपील की है।
पंजीयन के लिए ज़रूरी बातें और दस्तावेज़
पंजीयन प्रक्रिया को पूरी तरह से सहज और पारदर्शी बनाया गया है। प्रदेश भर में कुल 1255 पंजीयन केंद्र बनाए गए हैं।
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आवश्यक दस्तावेज़:
- भूमि संबंधी दस्तावेज़ की प्रति।
- आधार कार्ड की प्रति।
- अन्य पहचान पत्रों की कॉपी।
- सबसे अहम शर्त: आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य आपका पंजीयन तभी पूरा माना जाएगा जब:
- आपके भू-अभिलेख में दर्ज नाम और आधार कार्ड में लिखा नाम पूरी तरह मेल खाता हो।
- आपका आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य रूप से पूरा हो।
आधार वेरिफिकेशन दो तरीकों से किया जा सकता है:
- किसान के मोबाइल नंबर पर आए OTP से।
- बायोमेट्रिक डिवाइस के माध्यम से।
ध्यान दें: बिना वेरिफिकेशन के किसान MSP पर अपनी फसल नहीं बेच सकेंगे।
- पंजीयन शुल्क:सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रति पंजीयन शुल्क ₹50 रुपये से अधिक नहीं लिया जाएगा।
पंजीयन कहाँ कराएं? (फ्री और पेड विकल्प)
सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए दो तरह की व्यवस्था की है:
नि:शुल्क पंजीयन (Free Registration) | सशुल्क पंजीयन (Paid Registration) |
ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, तहसील कार्यालयों में बने सुविधा केंद्र। | एम.पी. ऑनलाइन कियोस्क (MP Online Kiosk)। |
सहकारी समितियाँ और विपणन संस्थाएं। | कॉमन सर्विस सेंटर (CSC)। |
एम.पी. किसान ऐप पर ऑनलाइन। | लोक सेवा केंद्र या निजी साइबर कैफे। |
जिलेवार पंजीयन की स्थिति: कौन आगे, कौन पीछे?
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कुछ ज़िलों में पंजीयन की रफ्तार बेहद तेज़ है, जबकि कुछ में धीमी:
सबसे आगे रहने वाले ज़िले (TOP PERFORMERS) | धीमी गति वाले ज़िले |
बालाघाट: 57,223 | भोपाल: केवल 33 |
रीवा: 42,878 | बड़वानी: केवल 41 |
कटनी: 40,391 | देवास: 203 |
सतना: 36,113 | विदिशा: 484 |
धीमी गति वाले जिलों में सरकार ने अब अभियान चलाकर किसानों को जागरूक करने की बात कही है।
‘फर्स्ट कम, फर्स्ट सर्व‘ का नियम लागू
मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए घोषणा की है कि उपार्जन की प्रक्रिया “फर्स्ट कम, फर्स्ट सर्व” के आधार पर तय की गई है। इसका मतलब है — जो किसान पहले पंजीयन कराएंगे, उन्हें ही उपार्जन में पहले प्राथमिकता दी जाएगी।
10 अक्टूबर की रात 12 बजे के बाद रजिस्ट्रेशन पोर्टल बंद हो जाएगा। इसलिए किसान भाई आखिरी वक्त का इंतजार न करें। सर्वर या नेटवर्क की समस्या से बचने के लिए, आज ही अपने नज़दीकी केंद्र या एम.पी. किसान ऐप के माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करें!
आज ही रजिस्टर करें और MSP पर अपनी फसल बेचने का अधिकार सुरक्षित करें।
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Author: Vindhya Times
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