CGNews: पेड़ों पर विज्ञापन लगाने वालों पर वन विभाग सख्त, एफआईआर और खर्च वसूली की चेतावनी
CGNews : जशपुर नगर राष्ट्रीय राजमार्गों और सार्वजनिक मार्गों के किनारे लगे पेड़ों को विज्ञापन का माध्यम बनाने वालों के खिलाफ अब वन विभाग ने कड़ा रुख अपना लिया है।
पेड़ों में कील ठोकना या उनकी छाल को क्षति पहुंचाना उनकी प्राकृतिक और जैविक संरचना को नुकसान
पेड़ों पर कील ठोककर बैनर, पोस्टर और फ्लेक्स लगाने या उनकी छाल को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं को गंभीर अपराध मानते हुए विभाग ने कार्रवाई तेज कर दी है। वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस तरह की गतिविधियां भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 के अंतर्गत दंडनीय अपराध की श्रेणी में आती हैं। वन विभाग के अनुसार पेड़ों में कील ठोकना या उनकी छाल को क्षति पहुंचाना उनकी प्राकृतिक और जैविक संरचना को नुकसान पहुंचाता है। इससे पेड़ों में संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ जाती है और समय के साथ वे कमजोर होकर सूख सकते हैं या गिर भी सकते हैं। यह न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि सड़क सुरक्षा की दृष्टि से भी गंभीर खतरा पैदा करता है।
वनमंडलाधिकारी शशि कुमार के निर्देश पर जिले में विशेष जांच दल गठित किए गए हैं, जो राष्ट्रीय राजमार्गों, शहरी क्षेत्रों, ग्रामीण इलाकों और संरक्षित वन क्षेत्रों में लगातार निगरानी कर रहे हैं। जांच के दौरान यदि किसी भी पेड़ पर अवैध रूप से विज्ञापन सामग्री लगी पाई जाती है, तो संबंधित सामग्री जब्त की जाएगी और दोषी व्यक्ति या संस्था के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
डीएफओ शशि कुमार ने कहा कि निजी प्रचार या व्यावसायिक लाभ के लिए प्राकृतिक संपदा को नुकसान पहुंचाना किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में केवल कानूनी कार्रवाई ही नहीं होगी, बल्कि पेड़ों से विज्ञापन हटाने पर होने वाला खर्च भी संबंधित व्यक्ति या संस्था से वसूला जाएगा।
वन विभाग कि आम नागरिकों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों से भी सहयोग की अपील
वन विभाग ने आम नागरिकों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों से भी सहयोग की अपील की है। विभाग का कहना है कि यदि कहीं भी पेड़ों पर कील ठोककर या नुकसान पहुंचाकर विज्ञापन लगाए जाने की जानकारी मिले, तो उसकी सूचना तत्काल वन विभाग को दें, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।
वन विभाग द्वारा चलाया जा रहा यह अभियान केवल शहरी सीमाओं तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि दूरस्थ ग्रामीण इलाकों और वन क्षेत्रों में भी इसे सख्ती से लागू किया जाएगा। विभाग का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ लोगों में जागरूकता बढ़ाना है, ताकि पेड़ों को सजावट या प्रचार का साधन बनाने की प्रवृत्ति पर रोक लगाई जा सके।
वन विभाग का मानना है कि पेड़ केवल हरियाली नहीं, बल्कि जीवनदायिनी प्राकृतिक धरोहर हैं, जिनकी रक्षा करना समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। इस दिशा में की जा रही कार्रवाई को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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Author: Vindhya Times
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