MP News : एमपी में प्रमोशन के आरक्षण पर हाई कोर्ट ने कर्मचारियों को दिया झटका

MP News : एमपी में प्रमोशन के आरक्षण पर हाई कोर्ट ने कर्मचारियों को दिया झटका

MP News : एमपी में प्रमोशन के आरक्षण पर हाई कोर्ट ने कर्मचारियों को दिया झटका

MP News : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने पदोन्नति में आरक्षण की नई नीति पर राज्य सरकार से जवाब तलब किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की खंडपीठ ने सोमवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा कि जब प्रमोशन में आरक्षण का मामला पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, तो सरकार ने उसी तरह की नई नीति क्यों बनाई?

क्या है पूरा मामला?

राज्य सरकार द्वारा 2025 में बनाए गए पदोन्नति में आरक्षण संबंधी नए नियमों को भोपाल के समीर कुमार शर्मा सहित 17 अन्य कर्मचारियों ने याचिका दायर कर चुनौती दी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता सुयश मोहन गुरु ने कोर्ट को बताया कि 2002 के नियमों को हाई कोर्ट ने आरबी. राय के केस में पहले ही समाप्त कर दिया था, जिसके खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था और याचिकाएं अभी भी लंबित हैं।

जानकारी के अनुसार, अधिवक्ता गुरु ने तर्क दिया कि सरकार के पास पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए कोई उचित डेटा नहीं है और उसने एम. नागराज और जरनैल सिंह के मामलों में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों का पालन भी नहीं किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के यथास्थिति के आदेश की अवहेलना करते हुए 2025 के नए नियम बनाए हैं, जो न्यायसंगत नहीं हैं।

हाई कोर्ट की चेतावनी और सरकार की अंडरटेकिंग

पीठ ने मौखिक रूप से चेतावनी दी कि जब तक सरकार जवाब दाखिल नहीं करती, तब तक वह इस नई नीति पर कोई कदम न उठाए। हाई कोर्ट ने साफ किया कि अगर सरकार इस पर आगे बढ़ती है, तो वह अंतरिम आदेश पारित करेगा। इसके बाद, महाधिवक्ता ने पीठ को आश्वासन दिया कि सरकार जवाब पेश होने और अगली सुनवाई तक पदोन्नति प्रक्रिया पर आगे नहीं बढ़ेगी।

हाई कोर्ट ने जारी किया नोटिस

पीठ ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में सरकार से यह जानना चाहा कि पुराने और नए पदोन्नति नियमों में क्या फर्क है। जब सरकार इस पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई, तो अदालत ने पदोन्नति की प्रक्रिया पर रोक लगाने का इरादा जताया, जिसके बाद राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता प्रशांत सिंह ने मौखिक रूप से कहा कि अगली सुनवाई तक कोई पदोन्नति नहीं की जाएगी।

इसके बाद, कोर्ट ने राज्य सरकार सहित अन्य संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस फैसले से पदोन्नति की बाट जोह रहे हजारों कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है।

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Author: Vindhya Times

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