Rewa News: रीवा में क्रेशर ब्लास्टिंग से ग्रामीणों का जीवन खतरे में
Rewa News: रीवा शंकरपुर महेवा में क्रेशर मशीनों की अनियंत्रित ब्लास्टिंग ने ग्रामीणों के जीवन, घर और पशुओं की सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है। धूल, ध्वनि और उड़ते पत्थरों से लोग असुरक्षित हैं। प्रशासन वादों में नाकाम, ग्रामीण विरोध और चेतावनी दे रहे हैं। छह महीने में कार्रवाई नहीं हुई तो पूरा गांव खाली करने की धमकी दी गई है।
शंकरपुर महेवा में भय का माहौल
रीवा जिले के शंकरपुर महेवा गांव में हालात भय, गुस्से और अनिश्चितता का प्रतीक बन चुके हैं। ग्रामीणों का कहना है कि क्रेशर मशीनों की अनियंत्रित ब्लास्टिंग से छोटे-छोटे पत्थर उड़कर छतों में छेद कर रहे हैं, दीवारें चटक रही हैं और बच्चों की नींद उचट चुकी है। घर में रहने वाले लोग भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और शिकायतें इस बात का सबूत हैं कि क्रेशर यूनिटें नियमों और सुरक्षा मानकों की अनदेखी कर रही हैं।
स्वास्थ्य और जीवन पर संकट
स्थानीय निवासी अमन पटेल और रामलली पटेल बताते हैं कि यह केवल व्यक्तिगत समस्या नहीं है, बल्कि सामूहिक संकट है। धूल और धुएँ ने घरों, खेतों और पशुओं की स्वास्थ्य स्थिति को प्रभावित किया है। गाय-भैंस डरकर भाग रही हैं, दूध कम हुआ है और कई पशु घायल हो रहे हैं। इसके बावजूद क्रेशर संचालक और लाभार्थी बेपरवाह हैं, जबकि ग्रामीण हर दिन अपनी जान की परवाह करते हैं। विरोध के रूप में महिलाएं थालियाँ बजा रही हैं, पुरुष हेलमेट पहनकर सड़कों पर उतर आए हैं, और बच्चे सुरक्षित स्थान की गुहार लगा रहे हैं।
प्रशासन की प्रतिक्रिया और चेतावनी
जनपद पंचायत के सीईओ ने कहा कि उन्हें समस्या की जानकारी मिली है और जांच कराई जाएगी। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, लेकिन कार्रवाई की तात्कालिकता और ग्रामीणों की सुरक्षा अब सबसे बड़ा सवाल है। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि अगर छह महीने में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो वे पूरा गांव खाली कर देंगे। यह केवल स्थानीय संघर्ष नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि जब जनता की सुरक्षा खतरे में हो, तो विकास और नीतियाँ केवल कागज़ों तक सीमित नहीं रह सकतीं।
इस कहानी से स्पष्ट है कि शंकरपुर महेवा में अब उच्चस्तरीय निरीक्षण, तात्कालिक रोकथाम और प्रभावित परिवारों को राहत मुहैया कराना बेहद जरूरी है। नियमों और गाइडलाइनों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई नितांत आवश्यक है।
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Author: Vindhya Times
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