Rewa News : रीवा में शुरू हो चुका शिक्षा सत्र, पर स्कूल अब भी बंद

Rewa News : रीवा में शुरू हो चुका शिक्षा सत्र, पर स्कूल अब भी बंद

Rewa News : रीवा में शुरू हो चुका शिक्षा सत्र, पर स्कूल अब भी बंद

Rewa News : शासकीय विद्यालयों में शिक्षा सत्र की शुरुआत के बावजूद लापरवाह शिक्षकों की मनमानी थमने का नाम नहीं ले रही। 16 जून से नवीन शिक्षा सत्र की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन इसके दो दिन बाद भी कई सरकारी स्कूलों में ताले लटके नजर आए।

शिक्षा व्यवस्था पर सवाल

16 जून से नया शिक्षा सत्र शुरू होने के बावजूद रीवा के कई शासकीय स्कूल अब तक बंद हैं। लक्ष्मण बाग और बिछिया स्थित स्कूलों में शिक्षक गायब पाए गए, जबकि स्कूलों में ताले लगे रहे। कई स्कूल जर्जर भवनों में चल रहे हैं और उनके सामने मिट्टी की ट्रॉलियां रखी हैं, जिससे पहुंचना मुश्किल है। लापरवाह शिक्षकों और कमजोर निगरानी व्यवस्था के चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

जानकारी के अनुसार, बुधवार दोपहर 1:08 बजे लक्ष्मण बाग स्थित शासकीय प्राथमिक पाठशाला में स्कूल पूरी तरह बंद पाया गया। यह स्कूल अर्धशहरी औद्योगिक क्षेत्र में स्थित है, जहां दो शिक्षक पदस्थ हैं, लेकिन कोई भी शिक्षक उपस्थित नहीं था। स्थानीय लोगों का कहना है कि अभी तो छुट्टियां चल रही हैं और स्कूल 1 जुलाई से खुलेंगे, जबकि शासकीय आदेश के अनुसार स्कूल 16 जून से खुल चुके हैं।

बिछिया वार्ड के स्कूल में भी ताला

इसी तरह वार्ड क्रमांक 42, बिछिया स्थित पूर्व माध्यमिक गुलाब शिशु विद्यालय में भी दोपहर 1:19 बजे ताला लटका मिला। आसपास के लोगों ने बताया कि मैडम आई थीं, लेकिन फिर वापस चली गईं। इस स्कूल में एकमात्र शिक्षिका पदस्थ हैं और एक अन्य शिक्षक हाल ही में सेवानिवृत्त हुए हैं। शासकीय स्कूलों का संचालन समय प्रातः 10:30 बजे से अपरान्ह 4 बजे तक तय है, लेकिन अक्सर दोपहर 1 से 1:30 बजे के बीच स्कूल बंद पाए जाते हैं, जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

जर्जर भवन, सामने मिट्टी की ट्रॉलियां

गुलाब शिशु विद्यालय जिस भवन में संचालित हो रहा है, वह अत्यंत जर्जर अवस्था में है। छत पर टिन की चादरें पड़ी हैं और मरम्मत के नाम पर सिर्फ चूने की पुताई की गई है। स्कूल भवन के सामने दर्जनों ट्रॉली मिट्टी डली हुई हैं, जिससे स्कूल तक पहुंचना भी कठिन हो गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि पास में खुदाई का कार्य चल रहा है और मिट्टी स्कूल के सामने फेंकी जा रही है, लेकिन शिक्षकों ने अब तक कोई आपत्ति नहीं जताई।

जर्जर भवनों पर रोक, लेकिन पालन नहीं

संयुक्त संचालक शिक्षा ने हाल ही में निर्देश जारी किए थे कि किसी भी जर्जर या क्षतिग्रस्त भवन में कक्षाएं संचालित न की जाएं और ऐसे भवनों की रिपोर्ट 19 जून तक प्रस्तुत की जाए। लेकिन जब स्कूल ही नहीं खुल रहे, तो रिपोर्ट कौन देगा?

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Vindhya Times
Author: Vindhya Times

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