Sagar News : सागर के इमलिया गांव में जल संकट की त्रासदी
Sagar News : सागर में जल संकट की त्रासदी लगातार ही बढती जा रही है, गर्मी में पानी की कमी और भी ज्यादा गंभीर और भयावाह रूप ले लेती है | करीब 1200 की आबादी वाले इस गांव की तस्वीर गर्मी आते ही और भयावह हो जाती है। नरयावली विधानसभा की ग्राम पंचायत बड़ोरा के अधीन आने वाला ग्राम इमलिया वर्षों से भीषण जलसंकट झेल रहा है। लेकिन समस्या का सबसे बड़ा भार यहां की महिलाओं के कंधों पर है।
गर्मी का मतलब – कुएं में उतरना और पानी खींचना
पानी भरने में कमर टूट जाती है। कुएं की आधी सीढ़ियां चढ़ने में सांस फूलने लगती है। खड़े-खड़े पानी लाना पड़ता है। पीना है तो भरना पड़ेगा। ये शब्द हैं इमलिया गांव की संतोषरानी के, जो जल संकट की त्रासदी को अपनी दिनचर्या का हिस्सा मान चुकी हैं |
गांव की बुजुर्ग काशीबाई कहती हैं, “हर दिन ऐसा लगता है जैसे जान दांव पर लगा दी हो|
यहां की महिलाएं रोजाना 30 फीट गहरे कुएं में उतरकर बाल्टियों से पानी खींचती हैं और सिर पर गुंडी रखकर 25 सीढ़ियां चढ़ती हैं। यही एकमात्र विकल्प है, क्योंकि सरकारी हैंडपंप या तो खराब हैं या उनका पानी पीने योग्य नहीं।
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नल-जल योजना अधूरी, सरकारी कुआं सूखा
गर्मी के महीनों में ये सारे विकल्प जवाब दे जाते हैं, और तब ग्रामीण निजी कुओं का सहारा लेने को मजबूर होते हैं। 11 जून 2024 को यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मीतेंद्र सिंह, पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी और अन्य नेता गांव पहुंचे थे। उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से महिलाओं के साथ कुएं में उतरकर पानी भरा और तीन दिन में समाधान का आश्वासन दिया| वहीं, रास्ते में भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध करते हुए काले झंडे दिखाए, जिससे राजनीति और भी गरमा गई, पर ग्रामीणों को राहत आज तक नहीं मिल पाई।
बिना बोर किए लौट गई मशीन
पिछले साल प्रशासन की ओर से बोरिंग मशीन गांव आई थी। लेकिन बोरिंग के लिए उचित जगह तय नहीं हो पाने और आपसी विवाद के चलते मशीन बिना काम किए वापस लौट गई। यह एक चूक नहीं, बल्कि पूरे गांव के लिए बड़ा नुकसान साबित हुआ।
गांव की सुमतरानी ने कहा कि अगर निजी कुएं भी सूख गए, तो हम कहां जाएंगे? अब कोई विकल्प नहीं बचा है। प्रशासन से कई बार गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।
सरपंच का जवाब – स्थिति बिगड़ी तो टैंकर भेजेंगे
गांव के सरपंच हेमराज अहिरवार ने माना कि स्थायी जलस्रोत न होने से स्थिति बिगड़ती जा रही है। उन्होंने बताया कि फिलहाल निजी कुओं से पाइपलाइन द्वारा पानी पहुंचाया जा रहा है, लेकिन जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी, ये भी बंद हो सकते हैं। उन्होंने वादा किया कि स्थिति बिगड़ने पर टैंकरों से पानी की आपूर्ति कराई जाएगी।
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Author: Vindhya Times
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