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Rewa News : जवा विकास खंड के पूर्व प्रभारी ने सामग्री में की धांधली?

Rewa News : जवा विकास खंड के पूर्व प्रभारी ने सामग्री में की धांधली?

Rewa News : जवा विकास खंड के पूर्व प्रभारी ने सामग्री में की धांधली?

Rewa News : ख़बर रीवा ज़िले के जवा खण्ड विकास अधिकारी कार्यालय से जुड़ी हुई है, जहां के पूर्व प्रभारी विकासखंड अधिकारी हीरामणि त्रिपाठी द्वारा लाखों की वित्तीय अनियमितता करते हुए कार्यालयीन सामग्री को क्रय किए जाने और बाउचर बनाकर राशि आहरित करने का मामला सामने आया है,

लेकिन विभागीय जाँच के बाद मामले में सामने आया कि क्रय की गयी सामग्री कहां गयी कुछ पता नहीं है, आपको बता दें कि मामला साल 2023-24 का है। वर्तमान में संकुल प्राचार्य सितलहा हीरामणि त्रिपाठी पर आरोप है, कि इनके द्वारा जवा बीईओ के पद पर रहते हुए लाखों की कार्यालयीन सामग्री को क्रय करने में धांधली की गई है।

इससे पहले भी भ्रस्टाचार के आरोप 

बताते चलें कि पूर्व प्रभारी बीईओ हीरामणि त्रिपाठी के द्वारा, किताबों के लिए 27 हज़ार के क़रीब, फ़र्नीचर के लिए 58 हज़ार एवं अन्य सामग्रियों की ख़रीदी के लिए 2.5 लाख से ज़्यादा की राशि खर्च की गयी है। इतना ही नहीं पूर्व बीईओ पर इस मामले में भ्रष्टाचार के आरोप तो लगे ही हैं,

इसके पहले ही वर्तमान में संकुल प्राचार्य सितलहा के पद पर कार्यरत हीरामणि त्रिपाठी साल 2022 के पंचायत चुनावों में भी सुर्खियों में रहे हैं, इनके द्वारा सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद भतीजे का पोलिंग एजेंट बनकर चुनाव प्रचार करने का गंभीर आरोप लग चुका है, जिसपर तत्कालीन जिला निर्वाचन अधिकारी मनोज पुष्प द्वारा इन्हें निलंबित भी किया जा चुका है। बताया ये भी जा रहा है कि ये मामला हाईकोर्ट में लंबित है।

अब सवाल ये कि निर्वाचन आयोग द्वारा सिविल सर्विस कंडक्ट रूल के तहत जिस कर्मचारी पर ऐसे चुनाव प्रचार करने के गंभीर आरोप लगें हों जिसे ऐसे गंभीर आरोपों के चलते निलंबन झेलना पड़ा है, क्या उस कर्मचारी को प्रमोशन मिला है? क्या ऐसा आरोप झेल रहे कर्मचारी को उच्च पद प्रभार देकर हाई स्कूल का प्राचार्य बनाना उचित है?

खैर लगे हुए आरोपों व निलंबन के बावजूद लगातार अलग-अलग पदों पर बने रहने पर सवाल ये भी उठता है, कि क्या उच्चाधिकारियों की मेहरबानी या संरक्षण के चलते ऐसा हो रहा है, आख़िर क्यों ऐसे आरोंपों की जाँच के बाद भी कार्रवाई सुनिश्चित नहीं हो रही है, विभागीय जाँच व अनियमितता की पुष्टि के बाद भी आला अधिकारी क्यों कार्रवाई नहीं कर रहे हैं.

Vindhya Times
Author: Vindhya Times

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