MP News : एमपी सरकार ने महिलाओं को रात में काम करने की दी मंजूरी
MP News : मध्य प्रदेश सरकार ने महिलाओं को शॉपिंग मॉल, बाजार, कारखानों और प्रोडक्शन यूनिट्स में दिन-रात काम करने की अनुमति दे दी है, बशर्ते सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाए।
महिलाओं को रात में काम करने की मंजूरी
मध्य प्रदेश सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसले में अब महिलाओं को शॉपिंग मॉल, बाजारों, कारखानों और प्रोडक्शन यूनिट्स में दिन-रात काम करने की अनुमति दे दी है। यह अनुमति कुछ शर्तों के साथ दी गई है, जिसमें नियोक्ता (एम्प्लॉयर) एजेंसियों को महिला सुरक्षा से संबंधित प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा।
सरकार का मानना है कि इस निर्णय से महिला कर्मचारियों को आर्थिक रूप से सशक्त होने का अवसर मिलेगा। वहीं, कारोबारियों और उद्योगपतियों को भी अपनी इकाइयों का कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी, जिससे प्रदेश के विकास को गति मिलेगी।
दुकानों और कारखानों के लिए नए नियम
दुकान और स्थापना अधिनियम, 1958 में संशोधन के बाद श्रम विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि महिलाएं अब रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक काम कर सकेंगी। हालांकि, जिन दुकानों या शोरूम में महिलाएं रात में काम करेंगी, वहां कम से कम 10 या उससे अधिक महिला कर्मचारियों का होना अनिवार्य होगा। कारखानों के मामले में भी ऐसी ही व्यवस्था लागू की गई है।
कारखाना अधिनियम की शक्तियों का उपयोग करते हुए, 26 जून 2016 के नियमों को समाप्त कर यह तय किया गया है कि महिलाएं चाहें तो रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक किसी कारखाने या प्रोडक्शन यूनिट में काम कर सकती हैं।इसके अतिरिक्त, कारखानों और प्रोडक्शन यूनिट्स में महिलाओं के रात्रि शिफ्ट में काम करने के दौरान सुपरवाइजर, शिफ्ट इन-चार्ज, फोरमैन या अन्य सुपरवाइजरी कर्मचारियों में कम से कम एक-तिहाई महिला कर्मचारी होना अनिवार्य होगा।
फेडरेशन चेंबर ऑफ कॉमर्स ने किया स्वागत
फेडरेशन चेंबर ऑफ कॉमर्स, भोपाल के प्रदेश उपाध्यक्ष कैलाश अग्रवाल ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने जोर दिया कि यदि महिलाएं रात में ड्यूटी करती हैं, तो उनके अनुसार पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। यदि उन्हें रात में छोड़ा जाता है, तो उन्हें घर तक सुरक्षित पहुंचाने की व्यवस्था अनिवार्य होनी चाहिए। इससे कारखानों, प्रोडक्शन यूनिट्स और दुकानों के संचालकों को तो लाभ होगा ही, साथ ही महिलाओं और उनके परिवारों को भी आर्थिक और सामाजिक संबल मिलेगा।
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Author: Vindhya Times
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