African Cat Fish : क्या आप जानते इस मछली के बारे में , जिसको खाने से हो रहा है ये भयानक रोग

African Cat Fish : क्या आप जानते इस मछली के बारे में , जिसको खाने से हो रहा है ये भयानक रोग

African Cat Fish : क्या आप जानते इस मछली के बारे में , जिसको खाने से हो रहा है ये भयानक रोग

African Cat Fish : अफ्रीकन कैट फिश को मांगुर मछली के नाम से जाना जाता है। सबसे पहले वर्ष 2005 में उद्यान के जलाशयों में मांगुर मछली की मौजूदगी की जानकारी मिली।

यह मछली मांसाहारी मछली होती है जो छोटे पक्षी और छोटी मछलियों को खा जाती है। इसकी लंबाई करीब चार फीट तक और वजन 10 किलो तक हो जाता है। मादा मांगुर हजारों की संख्या में अंडे देती है, इसकी वजह से इसकी संख्या बहुत तेजी से फैलती है।

इंसानों के लिए घातक मानी जानी वाली मांगुर मछली के पालन और बिक्री पर सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है। इसके बावजूद कुछ लोग ज्यादा लाभ कमाने के चक्कर में इन मछलियों का पालन और व्यवसाय कर रहे हैं।

African Cat Fish : क्या आप जानते इस मछली के बारे में , जिसको खाने से हो रहा है ये भयानक रोग
African Cat Fish : क्या आप जानते इस मछली के बारे में , जिसको खाने से हो रहा है ये भयानक रोग

मत्स्य विभाग ने सूचना मिलने के बाद आज जिले के गुढ़ थाना क्षेत्र में छापेमार कार्यवाही करते हुए कई क्विंटल मछलियां जब्त की है। जानकारी के अनुसार स्थानीय निवासी द्वारा तालाब में लम्बे समय से मांगुर मछली का पालन और विक्रय किया जा रहा था।

मत्स्य विभाग सहायक उप संचालक के नेतृत्व में गुढ़ पुलिस के साथ मिलकर ये संयुक्त कार्यवाही की गई है। जहां अब जब्त की गई मछलियों को नष्ट करने की कार्यवाही की जा रही है।

नियम-कायदों को ताक पर रखकर इस मछली का पालन कर रहे हैं लोग क्योंकि ये मछली 4 महीने में ढाई से तीन किलो तक तैयार हो जाती है। इस मछली में 80 फीसदी लेड एवं आयरन के तत्व पाए जाते हैं, जिससे कैंसर होने का खतरा रहता है।

जानकारी के अनुसार थाई मांगुर मछली को 1998 में सबसे पहले केरल में प्रतिबंधित किया गया।

उसके बाद वर्ष 2000 में देश भर में इसकी बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया। चिकित्सकों की मानें तो मांगुर मछली खाने से कैंसर का खतरा रहता है इसलिए इसे प्रतिबंधित किया गया है।

मांगुर मछली पर प्रतिबंध लगाने के पीछे इससे होने वाला पर्यावरण और स्वास्थ्य को नुकसान है। मांगुर मछली के खाने से कैंसर और कई गंभीर रोग हो सकते हैं। यह मछली मांस खाती है, जिसकी वजह से इसका शरीर बहुत तेजी से बढ़ता है।

मांगुर मछली में आयरन और लेड बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है, जिसके कारण यह इंसान और पर्यावरण दोनों के लिए खतरनाक है।

कहा जाता है कि मांगुर मछली जिस तालाब या जलाशय में रहती है, वहां दूसरी प्रजाति की एक भी मछली या कीड़े-मकोड़े तक नहीं बचते। यह मछली दूसरी मछलियों को भी अपना शिकार बनाती है।

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Vindhya Times
Author: Vindhya Times

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