Rewa News : रीवा-आनंद विहार एक्सप्रेस से सफर करने वाले यात्रियों के लिए बड़ी राहत
Rewa News : रीवा-आनंद विहार एक्सप्रेस से सफर करने वाले यात्रियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। अब इस ट्रेन में सफर करना और भी आरामदायक हो गया है, क्योंकि इसके पुराने और जर्जर डिब्बों को पूरी तरह से बदल दिया गया है! यह बदलाव खासतौर पर उन यात्रियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जो इलाज, शिक्षा और अन्य जरूरी कामों से दिल्ली और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों की यात्रा करते हैं। इस बड़े बदलाव के पीछे भाजपा नेता गौरव तिवारी की कड़ी मेहनत और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का त्वरित निर्णय है।
bjp नेता गौरव तिवारी ने की रेल मंत्री से मुलाकात
विगत कई वर्षों से रीवा-आनंद विहार एक्सप्रेस के एसी, स्लीपर और सामान्य श्रेणी के कोचों की हालत काफी खराब थी। गंदगी, पुरानी सीटें और टूटे हुए उपकरणों की वजह से यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। ट्रेन से यात्रा करने वाले यात्रियों ने लंबे समय से नए कोचों की मांग की थी, और इस मांग को संज्ञान में लेते हुए भाजपा नेता गौरव तिवारी ने इस मुद्दे को केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के सामने प्रमुखता से उठाया।
रेल मंत्री ने इस मांग को गंभीरता से लेते हुए आश्वासन दिया कि तीन महीने के भीतर इस कार्य को पूरा कर दिया जाएगा। और अब, अपने वादे को निभाते हुए, रेल मंत्रालय ने मार्च में इस ट्रेन की पूरी रैक को नए, आधुनिक कोचों से बदल दिया है!
वही बीजेपी नेता गौरव तिवारी ने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जनता के हितों को सर्वोपरि रखते हुए कार्य किया जा रहा है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने क्षेत्र की जनता की आवाज़ सुनी और उनकी सुविधा के लिए समयबद्ध तरीके से कोचों को बदलवाया। यह भारतीय रेलवे की लगातार हो रही प्रगति का प्रमाण है।”
भाजपा नेता गौरव तिवारी ने ट्रेन की रैक बदलने के साथ-साथ इस ट्रेन के किराए में भी सुधार की माँग की है, ताकि यात्रियों को और अधिक सुविधा मिल सके।
एक रेलवे कोच बनाने में लागत
एक रेलवे कोच को बनाने की लागत अलग अलग कोच के हिसाब से होती है जैसे की ac कोच ,स्लीपर कोच ,और जनरल कोच
एसी कोच की अगर हम बात करें तो एक एसी कोच को बनाने में लगभग 2.8 से 3 करोड रुपए का खर्च आता है वहीं स्लीपर कोच बनने में लगभग 1.25 से 1.5 करोड रुपए तक का खर्च आता है जनरल कोच की बात करें तो इसे बनाने में लगभग एक करोड रुपए का खर्च आता है और ट्रेन का इंजन बनाने में 18 से 20 करोड़ रुपये तक का खर्च आता है।
आधुनिक ट्रेन की लागत 110 से 120 करोड
इसी प्रकार एक 24 बोगियों वाली ट्रेन जिसमें विभिन्न प्रकार के कोच शामिल हो सकते हैं उसको बनाने में लगभग 60 से 80 करोड रुपए का खर्च आता है वंदे भारत ट्रेन जैसी आधुनिक ट्रेन की लागत और भी अधिक हो सकती है जो लगभग 110 से 120 करोड रुपए तक हो सकती है
अब देखना यह होगा कि रेलवे इस ट्रेन को और अधिक आधुनिक बनाने के लिए कौन-कौन से और कदम उठाता है। क्या इस ट्रेन के किराए में भी बदलाव होगा? क्या यात्रियों को और बेहतर सुविधाएँ मिलेंगी?
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Author: Vindhya Times
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