MP News : घुमंतू जातियों को लेकर बड़ा भ्रम,योजनाओं का नहीं मिल रहा लाभ

MP News : घुमंतू जातियों को लेकर बड़ा भ्रम,योजनाओं का नहीं मिल रहा लाभ

MP News : घुमंतू जातियों को लेकर बड़ा भ्रम,योजनाओं का नहीं मिल रहा लाभ

MP News : मध्य प्रदेश सरकार ने घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ जातियों के लिए एक अलग विभाग बनाया है, लेकिन इन जातियों को जनजाति मानने में भ्रम है।इसी कारण इन समुदायों को आरक्षण और सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ नहीं मिल पा रहा।सरकार अब इन जातियों की स्थिति जानने के लिए सर्वे करवा रही है।

सरकारी भ्रम बना बाधा

मध्य प्रदेश सरकार ने 2011 में विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ जातियों के कल्याण के लिए एक अलग विभाग बनाया था। लेकिन 13 साल बाद भी इन समुदायों को न तो साफ पहचान मिल पाई है और न ही सरकारी योजनाओं का पूरा लाभ। वजह इन्हें विभागीय कागज़ों में जनजाति लिखा गया है, लेकिन हकीकत में ये जातियां अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग में आती ही नहीं।

जानकारी के अनुसार,सरकार विभागीय कागज़ों में इन जातियों को “जनजाति” मान रही है,लेकिन कानूनी तौर पर ये ST श्रेणी में नहीं आतीं इसका सीधा असर इन समुदायों की शिक्षा, रोजगार और योजनाओं के लाभ पर पड़ रहा है.

कौन सी जातियां हैं इसमें शामिल

सरकार की लिस्ट में ऐसी 51 जातियां शामिल हैं, जिसमें 27 जातियां सामान्य वर्ग में हैं,14 जातियां अनुसूचित जाति (SC) वर्ग में,10 जातियां अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में है,लेकिन इनमें से कोई भी जाति अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग में नहीं आती। इसके चलते इन जातियों को ST के आरक्षण और अन्य लाभ नहीं मिल पा रहे हैं।

बलराज पाल का मामला

सतना जिले के बलराज पाल ने 2021 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (CHO) पद के लिए ST वर्ग में आवेदन किया। उसने घुमक्कड़ जाति का प्रमाण पत्र लगाया और चयन भी हो गया। लेकिन बाद में पता चला कि उसकी जाति “गड़रिया” है, जो OBC में आती है। इसके बाद उसकी नियुक्ति रद्द कर दी गई।

बलराज ने कहा कि सरकार ने 2018 में घुमंतू जातियों को एक अलग पहचान दी थी, इसलिए उसने ST मानकर आवेदन किया। लेकिन उसका आवेदन OBC में बदलने की कोशिश भी अमान्य कर दी गई।

करवा रहे सर्वे : मंत्री कृष्णा गौर

राज्यमंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि इन समुदायों की स्थिति समझने के लिए सर्वे कराया जा रहा है। उनकी जानकारी के आधार पर आगे की योजनाएं बनाई जाएंगी। उन्होंने साफ किया कि अनुसूचित जनजाति से जुड़े फैसले केंद्र सरकार ही करती है।

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Vindhya Times
Author: Vindhya Times

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